चांदनी रातों में

चांदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह, मैंने चाहा है तुम्हे दिन के उजालों की तरह |


गुज़रे थे जो कुछ लम्हे तुम्हारे साथ, मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह ||


अश्क बहते हैं आँखों में नदियों की तरह, तुझसे बिछड़ के कहीं चैन ना आया|


तेरे आने की खबर आई है जब भी, मैं जी उठा हूँ इंसानों की तरह||


मैं ढूंढता फिर रहा हूँ, तुम्हे दीवानों की तरह|

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