अब "ख़ुशी" है न कोई दर्द रुलाने वाला

अब "ख़ुशी" है न कोई दर्द रुलाने वाला,
हमने, अपना लिया हर रंग ज़माने वाला,

उसको "रुख़्सत" तो किया था, मुझे मालूम न था,
सारा घर ले गया, घर छोड़ के जाने वाला,

इक "मुसाफ़िर" के सफ़र जैसी है, सब की दुनिया,
कोई, जल्दी में कोई देर से जाने वाला,

एक "बे-चेहरा" सी उम्मीद है, चेहरा-चेहरा,
जिस, तरफ़ देखिये आने को है आने वाला !!

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