मोहब्बत मैं करने लगा हूँ
उलझनों में जीने लगा हूँ
दीवाना तो मैं था नही,लेकिन
तेरा देवाना बन्ने लगा हूँ
प्यार का सफर करने चला हूँ
दिल की दुनिया बसाने चला हूँ
मैंने ख्वाब अभी तक न देखे थे
तुझे देख के ख्वाबो में जीने लगा हूँ
कभी बिखरता जा रहा हूँ
तो कभी सवारता जा रहा हूँ
कतल तो मुझे होना नही था,लेकिन
तेरी निगाहों से हुए जा रहा हूँ
उनसे दिल लगाये बैठा हूँ
उन्हें अपना बनाये बैठा हूँ
बस डर रहा हूँ ये ही सोच-सोच के
आज उनसे इजहार करने जा रहा हूँ!
contributed by Abhishek