फिर तेरे आशिक परेशा हो गए
फिर तेरे जलवे नुमायां हो गए
फिर तेरे जलवे नुमायां हो गए
जान कर तेरे इरादों को हबीब
हम गुलिस्तां थे बयाबा हो गए
चीन-ए -अब्रू उस पे ये तेग-ए-निगाह
चाक आशिक के गरीबा हो गए
गुल -फिशानी , वाज़'-ए -गुफ्तारी तेरी
सख्त मौसम फस्ल -ए -बारां हो गए
आये तन्हा आदम-ओ-हव्वा मगर
अक्स उनके सद हजारा हो गये
रौशनी अपनी लुटाकर महर-ओ-माह
राह के तेरी चरागाँ हो गये
कौन कहता दर्द -ए -दिल की दास्तान
राज़ –ए -उल्फत अश्क -ए -बारां हो गए
आज बिस्मिल ने सुनाई वो ग़ज़ल
संग भी देखो गज़ल्ख्वा हो गये..!
हम गुलिस्तां थे बयाबा हो गए
चीन-ए -अब्रू उस पे ये तेग-ए-निगाह
चाक आशिक के गरीबा हो गए
गुल -फिशानी , वाज़'-ए -गुफ्तारी तेरी
सख्त मौसम फस्ल -ए -बारां हो गए
आये तन्हा आदम-ओ-हव्वा मगर
अक्स उनके सद हजारा हो गये
रौशनी अपनी लुटाकर महर-ओ-माह
राह के तेरी चरागाँ हो गये
कौन कहता दर्द -ए -दिल की दास्तान
राज़ –ए -उल्फत अश्क -ए -बारां हो गए
आज बिस्मिल ने सुनाई वो ग़ज़ल
संग भी देखो गज़ल्ख्वा हो गये..!