बिखर रही हीं जिंदगी , उससे कह देना,
बस अब और नही तड़पना , उससे कह देना
कलम हो गए कलमकार होते होते हम,
अब बस जिंदगी ख़त्म हो रही हैं , उससे कह देना
मिल जाए इन्ही गलियों में हम कभी ,
फिर एक बार न पलटना , उससे कह देना
पता वफ़ा का क्या तलाशते हो 'गम' इंसानों में ,
फना हुए परवाने को देख , उससे कह देना...
बस अब और नही तड़पना , उससे कह देना
कलम हो गए कलमकार होते होते हम,
अब बस जिंदगी ख़त्म हो रही हैं , उससे कह देना
मिल जाए इन्ही गलियों में हम कभी ,
फिर एक बार न पलटना , उससे कह देना
पता वफ़ा का क्या तलाशते हो 'गम' इंसानों में ,
फना हुए परवाने को देख , उससे कह देना...