नक़्‌श फ़र्‌यादी है

नक़्‌श फ़र्‌यादी है किस की शोख़ी-ए तह्‌रीर का
काग़ज़ी है पैरहन हर पैकर-ए तस्‌वीर का

काव-काव-ए सख़्‌त-जानीहा-ए तन्‌हाई न पूछ
सुब्‌ह करना शाम का लाना है जू-ए शीर का

जज़्‌बह-ए बे-इख़्‌तियार-ए शौक़ देखा चाहिये
सीनह-ए शम्‌शीर से बाहर है दम शम्‌शीर का

आगही दाम-ए शुनीदन जिस क़दर चाहे बिछाए
मुद्‌द`आ `अन्‌क़ा है अप्‌ने `आलम-ए तक़्‌रीर का

बसकि हूं ग़ालिब असीरी में भी आतिश ज़ेर-ए पा
मू-ए आतिश-दीदह है हल्‌क़ह मिरी ज़न्‌जीर का!

contributed by, Abh
ishek

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