ये आलम[१]शौक़ [२]का देखा न जाये
वो बुत[३] है या ख़ुदा देखा न जाये
ये किन नज़रों से तुम ने आज देखा
के तेरा देखना देख ना जाये
हमेशा के लिये मुझ से बिछड़ जा
ये मंज़र[४] बारहा[५] देखा न जाये
ग़लत है जो सुना पर आज़मा[६] कर
तुझे ऐ बेवफ़ा[७] देखा न जाये
ये महरूमी[८] नहीं पास-ए-वफ़ा है
कोई तेरे सिवा देखा न जाये