आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है...

आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है
फिर मुहब्बत उसी से मुश्किल है

इश्क़ आग़ाज़ ही से मुश्किल है
सब्र करना अभी से मुश्किल है

हम आसाँ हैं और हमारे लिये
दुश्मनी दोस्ती से मुश्किल है

जिस को सब बे-वफ़ा समझते हों
बेवफ़ाई उसी से मुश्किल है

एक दो दूसरे से सहेल न जान
हर कोई हर किसी से मुश्किल है

तू बा-ज़िद है तो जा "अभिषेक" मगर
वापसी उस गली से मुश्किल है...!
contributed by, ABHISHEK

Translate This Blog