इन आँखों में
दफ़्न हैं....
हजारों रंग मुहब्बत के
कभी फ़ुर्सत मिले
तो पढना इन्हें
फ़ासले कम हो जाएंगे....
contributed by, ABHISHEK K. MISHRA
दफ़्न हैं....
हजारों रंग मुहब्बत के
कभी फ़ुर्सत मिले
तो पढना इन्हें
फ़ासले कम हो जाएंगे....
contributed by, ABHISHEK K. MISHRA