ख़्वाब, में भी उसका मिलना "ख़्वाब" सा हो जाएगा,
"ज़िन्दगी" की क़ैद-ऐ-ग़म से क्या निकालोगे उसे,
मौत जब आ जायेगी, तो खुद ही रिहा हो जाएगा,
दोस्त बनकर उसको चाहा, ये कभी सोचा न था,
दोस्ती ही दोस्ती में, वो "खुदा" हो जाएगा,
उसका "जलवा" होगा क्या, जिसका के पर्दा नूर है,
जो भी "उसको" देख लेगा, वो फ़िदा हो जाएगा !!