यही न होगा के

यही न होगा के दर-दर की खाक छानेंगे
बस और ऐ दिले खाना ख़राब क्या होगा

बरस रहा है तो बरसे साहब क्या होगा
हमारे दीद-ऐ-तर का जवाब क्या होगा

संभल के पावों से कांटा निकलने वाले
ये होश है तो जूनून कामयाब क्या होगा

जो उह्दादारे जुनू.न थे उन्हें खिताब मिले
मैं बादशाह हूँ मेरा खिताब क्या होगा !


Translate This Blog