हथेली सामने रखना


हथेली सामने रखना, के सब आंसू गिरें उस में
जो रुक जाए आंसू हथेली पर, समझ जाना के वो मैं हूँ

कभी जो चाँद को देखो तुम यूँ मुस्कुरा देना,
तू फिर बादल भी आह जाए तू, समझ जाना के वो मैं हूँ

जो चल जाए हवा ठंडी, तो आँखें बंद कर लेना,
जो झोंका तेज़ हो हवा का सुबह से, समझ जाना के वो मैं हूँ

जब ज्यादा याद आवु मैं , तो रू लेना जी भर कर
अगर हिचकी कोई आए, समझ समझ जाना के वो मैं हु

अगर तुम भुलाना चाहो मुझे, शायद भुला भी दो मुझे,
मगर जब दिल की धड़कन तेज़ हो जाए तो, समझ जाना के वो मैं हूँ

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