आ की मेरी

आ की मेरी जान को करार नहीं है
ताकत-ए-बेदाद-ए-इंतज़ार नहीं है !!

देते है जन्नत हयात-ए-दहर के बदले
नशा ब-अंदाजा-ए-खुमार नहीं है !!

गिरियाँ निकाले है तेरी बज्म से मुझको
हाए की रोने पर भी इख्तियार नहीं है !!

हमसे अबस है गुमान-ए-रंजिश-ए-खातिर
ख़ाक में उश्शाक की गुबार नहीं है !!

दिल से उठा लुत्फ़-ए-जलवा-ए-माअनी
गैर-ए-गुल आइना-ए-बहार नहीं है !!

कत्ल का मेरे किया है अहद तो बारे
वाये-अखर-अहद उस्त्वार नहीं है !!

तुने कसम मैकशी की खाई है "अभिषेक"
तेरी कसम का कुछ ऐतबार नहीं है !!

contributed by, Abhishek

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