कुछ न किसी से बोलेंगे
तन्हाई में रो लेंगे
तन्हाई में रो लेंगे
हम बेरहबरों का क्या
साथ किसी के हो लेंगे
ख़ुद तो हुए रुसवा लेकिन
तेरे भेद न खोलेंगे
जीवन ज़हर भरा साग़र
कब तक अमृत घोलेंगे
नींद तो क्या आयेगी "अभिषेक"
मौत आई तो सो लेंगे!
contributed by, ABHISHEK
मौत आई तो सो लेंगे!
contributed by, ABHISHEK